भारत देश का राजस्थान परदेश के जयपुर जिले की विराटनगर तहसील जो की द्वापर युग मे महाभारत काल मे पाडवो की आज्ञातवास मे शरण स्थली रहा है . विराटनगर भारतीय इतिहास मे महत्वपूर्ण स्थान रखता है . मौर्य कालीन मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर रहा राजा अशोक ने भी बोध धर्म के प्रचार पसार के केंद्र विराटनगर को चुना जिसके इतिहासक अवशेष आज भी मौजूदा है .
विराटनगर तहशील का गांव जो प्राचीन बाणगंगा नदी के तट पर बसा हुआ है जहा सैकड़ो वर्षा पुराने मंदिर बने हुय है इन्ही मंदिरो की शृंखला मे पहाड़ी का ऊपर मड़ैया बाबा का स्थान है जिसके कारण ईस गांव को मेड के नाम से जाना जाता है . .मेड गांव आज पुरे भारत मे मटर के उपादान के लिए प्रसिद है .यहाँ के मीठे पानी के कारण सुवादिस्ट मटर का उपादान होता है जो पूरा भारत देश मे दूर दारज के व्यापारियों के द्वारा ख़रीदा और बेचा जाता है . वैसे तो यहाँ मिर्च , टिंडा, बैगन, खीरा , धनिया , टमाटर , के भी बहुत बड़ा बाजार है लेकिन मटर महत्वपूर्ण स्थान रखता है .
ग्राम मेड के बस स्टैंड जो की सैकड़ो वर्ष पूर्व एक वीरान जगह थी वही पर एक छोटा से चबूतरे पर एक हनुमान जी की मूर्ति विराजमान थी जिसकी स्थापना के बारे मे कई बुजगो से पूछने पर भी उन्होंने स्रिफ यही बताया की हमने तो इस स्थान को जनम से देखा है एक किदवंती के अनुसार सैकड़ो वर्ष पूर्व जो पुजारी इस मदिर मे साफ सफाई और ज्योति जलाता था उसे प्रतिदिन इस स्थान पर देखते थे एक दिन उसे एक चांदी के सिक्का मिलाता है .
ग्राम के 90 वसीय बुजुगा श्री हनुमान सहाय जी पालीवाल जो की ग्राम मेड के प्रथम उपसरपंच तथा बाद मे सरपंच रहे है ने बैताया की इस स्थान के पास लगभग 85 वर्ष पूर्ब एक घर बना हुआ था जिसमे घीसा कारीगार रहता था वही इस स्थान की सेवा और पूजा करता था .
आज से लगभग पांच वर्ष पूर्ब इस स्थान के पास शिव परिवार की मुर्तिया को असामाजिक तत्वों ने खडित कर दिया था जो की गांव के ही धर्मातमा परिवार द्वारा स्थापित की गयी थी .
गांव के बुद्विजीवो ने इस विखण्डनों के कारण जो धार्मिक भावनाओ हहता हुई थी उस स्थिति को समालते तथा लोगो की आस्था तथा भावनाओ को सदमार्ग की और प्रेरित किया तथा एक समिति बनाकर इस छोटे से स्थान पर एक भव्य मंदिर बनाने का विचार प्रस्तुतः किया जिसका लोगो ने तह दिल से स्वागत किया तथा तन मन धन से सहयोग देने के आसवासन दिया .
गांव के प्रभुजन समाजसेवी समाज सेवी श्री गुलाब चन्द खीची की अध्यक्षता मे चालीसा सदशयो की एक समिति का गठन किया गया तथा शुभ मुहर्त मे सन 2012 को देवदशमी एकदशी को भव्य हनुमान मंदिर की नींव रखी गई . 19 सितम्बर 2012 को समिति का रजिस्टेशन श्री देखाशिन मुखी हनुमान जी मंदिर मेड विकास समिति के नाम से करवाया गया . मंदिर निर्माण मे दान दाताओ ने बढ़चढ़कर योगदान दिया तथा देखते ही देखते २०-२५ लाख रुपये की लागत से 17 फरबरी 2014 को निमार्ण कार्य पूरा हो गया तथा इसी दिन हनुमान मंदिर मे श्री राम दरबार तथा गणेश जी की मूर्ति की स्थापना नरेश परिवार के द्वारा की गई . 17 फरबरी 2014 को मंदिर समिति के दारा ग्राम जनता के सहयोग से देसी घी से निर्मित विशाल भंडारे का आयोजन किया गया .जो 17 फरबरी को प्रतिवर्ष किया जाने लगा .
17 फरबरी 2014 को मंदिर मे संत श्री नारायण दास जी त्रिवेणी धाम के करकमलो द्वारा मूर्तियों की स्थापाना की गयी तथा संत जी ने ग्राम जनता को सहयोग के लिया आर्शीवाद दिया .
लेखक : ललित टेलर
Web Designer ;- Vimlesh Tailor
SEO Company :- Seoonlinejaipur.com
Contact Us : श्री दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर मेड विकास समिति
गांव के प्रभुजन समाजसेवी समाज सेवी श्री गुलाब चन्द खीची की अध्यक्षता मे चालीसा सदशयो की एक समिति का गठन किया गया तथा शुभ मुहर्त मे सन 2012 को देवदशमी एकदशी को भव्य हनुमान मंदिर की नींव रखी गई . 19 सितम्बर 2012 को समिति का रजिस्टेशन श्री देखाशिन मुखी हनुमान जी मंदिर मेड विकास समिति के नाम से करवाया गया . मंदिर निर्माण मे दान दाताओ ने बढ़चढ़कर योगदान दिया तथा देखते ही देखते २०-२५ लाख रुपये की लागत से 17 फरबरी 2014 को निमार्ण कार्य पूरा हो गया तथा इसी दिन हनुमान मंदिर मे श्री राम दरबार तथा गणेश जी की मूर्ति की स्थापना नरेश परिवार के द्वारा की गई . 17 फरबरी 2014 को मंदिर समिति के दारा ग्राम जनता के सहयोग से देसी घी से निर्मित विशाल भंडारे का आयोजन किया गया .जो 17 फरबरी को प्रतिवर्ष किया जाने लगा .
17 फरबरी 2014 को मंदिर मे संत श्री नारायण दास जी त्रिवेणी धाम के करकमलो द्वारा मूर्तियों की स्थापाना की गयी तथा संत जी ने ग्राम जनता को सहयोग के लिया आर्शीवाद दिया .
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